The soch
Parameter
Ek महावत जंगल से एक हाथी के बच्चे को पकड़ कर लाता है। बच्चे को महावत मजबूत जंजीर से बांध देता है और उसके सामने चरा रख देता है।हाथी का बच्चा जंजीर तोड़ने का काफी प्रयास करता है। जंजीर मजबूत होती है इसलिए टूटती नहीं है।
इस प्रकार कई वर्ष बीत गए और बच्चा एक विशाल हाथी बन जाता है।अब वह जंजीर तोड़ने का बिल्कुल प्रयास नहीं कराता है। क्योंकि वो यह सोच लेता है कि वो जंजीर को कभी नहीं तोड़ सकता हैं।बचपन में उसकी सोच बांध दी गई थी।
क्या जंगली पागल हाथी को बांधा जा सकता है? नहीं क्योंकि वो अपनी सोच में आज़ाद है।
ठीक इसी प्रकार हमें बचपन से सिखया जाता है बेटा read and wright aur naukari करो और हम नौकरी कि तलाश में 25से30 साल struggle karate hain।
अगर नौकरी की जगह हमें बिजनेस करना बताया जाता तो हम 15साल की एज में एक सफल बिजनेसमैन हो जाते और चाहतों के हिसाब से जिंदगी जीते।
"Everything is depends on our thought.
" Than लो तो जीत है,मान लो तो हर है।"
Lesson from this story
जन्मजात सीसु का दिमाग गोरा कागज होता है।
हमारी सोच का निर्माण हमारे परिवार के माहौल से होता है।
हमे बच्चो को अच्छा माहौल देना चाहिए।
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