Republic day2021

Republic Day 2021: पढ़िए भारतीय संविधान से जुड़ी छोटी-बड़ी बातें.
हिंदुस्तान में 26 जनवरी की खास अहमियत है. इस दिन हिंदुस्तान का संविधान (आईन) लागू हुआ था यानी देश में कानून के राज की शुरुआत हुई।
भारत तो 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था लेकिन 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के बाद भारत को सही मायनों में आजादी मिली थी


21 तोपों की सलामी के बाद डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद ने राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक जन्‍म का ऐलान किया. दरअसल गणतंत्र दिवस और 26 जनवरी अपने देश में एक दूसरे के पर्याय हैं. 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा की तरफ से संविधान को अपनाया गया और इसे लागू किया गया. अब सवाल उठता है कि इसे 26 नवम्बर 1949 को भी लागू किया जा सकता था लेकिन इसके लिए 26 जनवरी का दिन ही क्‍यों चुना गया. आइए जानते हैं इसके पीछे क्‍या वजहें थीं।


1949 को संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को भारत का संविधान सुपुर्द किया गया. इस दिन भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ था.

• 1950- भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य ऐलान हुआ और भारत का संविधान लागू हुआ.
• स्वतंत्र भारत के पहले और आखिरी गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने अपने पद से इस्तीफा दिया और डा. राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति बने.
• 1929 के दिसंबर महीने में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ इसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की.
• अधिवेशन में प्रस्ताव पास हुआ कि अगर अंग्रेजी हुकूमत 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमिनियन का पद नहीं देता है तो भारत खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र घोषित कर देगा.
• 26 जनवरी 1930 तक जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं दिया तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की.
• भारत ने 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया। 1947 में देश के आजाद होने तक 26 जनवरी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा.
• इसके बाद देश आजाद हुआ और 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार किया गया.
• हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 तक तैयार हो गया था. 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ और इस दिन को तब से गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.
• भारत के आजाद होने के बाद संविधान सभा का गठन हुआ. संविधान सभा ने अपना काम 9 दिसंबर 1946 से शुरू किया.
• संविधान सभा ने संविधान निर्माण के समय कुल 114 दिन बैठक की. इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की आजादी थी.


हाथ से लिखी दो कॉपियों पर किए गए थे दस्तखत
24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर साइन किए गए. इसके दो दिन बाद यानी 26 जनवरी को देश भर में संविधान लागू हो गया. भारतीय संविधान की ये कॉपियां हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखी गईं. ये Copies संसद भवन की लाइब्रेरी में सुरक्षित रखी हुई हैं।

संसद की लाइब्रेरी में सुरक्षित
बता दें कि भारतीय संविधान हाथ से लिखा गया था, जो आज भी संसद की लाइब्रेरी में सुरक्षित है. इसे तैयार करने में दो साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था. भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा हाथ से लिखा हुआ संविधान कहा जाता है. संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर थे. भारत अपने गणतंत्र दिवस के मौके पर किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाता है. इंडिया गेट पर राज्यों की झांकियां निकाली जाती हैं और राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी जाती है।


विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन

31 जनवरी को विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है जिसमें भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के बैंड हिस्सा लेते हैं.  इसके अलावा देश की सेना की अद्भुत क्षमताओं का प्रदर्शन भी राजपथ पर किया जाता है. हर साल की तरह इस बार भी गणतंत्र दिवस के बाद मनाया जाने वाला बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम 29 जनवरी को रायसीना हिल्स और विजय चौक स्थल पर आयोजित होगा. इस कार्यक्रम के होने का मतलब है गणतंत्र दिवस समारोह के समापन की औपचारिक घोषणा. शाम को ठीक 6 बजे बगलर्स रिट्रीट की धुन बजाते हैं और तिरंगे को उतार लिया जाता है


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