पढ़िए, क्या है ?नवीनतम नोटबंदी के लाभ और हानि


नोटबंदी एक प्रभावी तथा पोषणीय कदम है जो वित्तीय तंत्र में सुधार लाने का प्रयास करता है, जो अनुचित धन संचार को रोकने तथा भ्रष्टाचार को कम करने की ओर दिशा प्रदान करता है। हालांकि, इसके साथ ही कुछ नकारात्मक परिणाम भी होते हैं। चलिए, हम इस विषय पर गहराई से चर्चा करें और नोटबंदी के लाभ और हानियों को विस्तार से जानें।


नोटबंदी के लाभ:


भ्रष्टाचार कमी: 

नोटबंदी के एक प्रमुख लाभ में से एक यह है कि इससे भ्रष्टाचार की स्थिति में सुधार होता है। जब नोटों को अमान्य घोषित किया गया तो व्यक्ति को अवैध धन को अपना कारोबार करने के लिए उपयोग करने का मौका नहीं मिलता है। इससे, भ्रष्ट अधिकारियों के व्यापारों और काले धन के प्रचारकों को नुकसान होता है और न्यायिक कार्रवाई का डर भी बढ़ता है।




नकली नोटों का पर्दाफाश: 

नोटबंदी के माध्यम से, नकली नोटों की बाजार में पहुंच रुक जाती है। आम लोगों को धन विभाजन और पहचानने का अधिक ज्ञान हो जाता है और इससे उनकी सुरक्षा बढ़ती है।

वित्तीय संवेदनशीलता: 

नोटबंदी के परिणामस्वरूप, आधार-आधारित वित्तीय प्रणाली विकसित की जा सकती है। इससे वित्तीय संवेदनशीलता बढ़ती है और धन का संचयन और खर्च करने का समय कम होता है।

ई-व्यापार की प्रोत्साहना: 

नोटबंदी के द्वारा ई-व्यापार को प्रोत्साहित किया जा सकता है। इससे लोग ऑनलाइन भुगतान के माध्यम से अपने दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होते हैं।




धन की व्यापारिक क्रियाओं की पारदर्शिता: 

नोटबंदी के माध्यम से, गैर-रिजिस्टर्ड और अवैध धन के उपयोग को रोकने का प्रयास किया गया है। इससे व्यापारियों को कारोबार में पारदर्शिता और निष्पक्षता दिखाने का अवसर मिला है।

काले धन के बढ़ते उपयोग को रोकना:

 नोटबंदी के माध्यम से, काले धन का उपयोग करने वालों के पास स्वच्छ धन नहीं था, जिससे वित्तीय अपराधों की राहत मिली। इससे भ्रष्टाचार, आतंकवाद, और वास्तविक सम्पत्ति के नुकसान को रोकने में मदद मिली।




वित्तीय समानता की बढ़ती चिंता:

 नोटबंदी ने आम जनता की सोच में धन के बड़े संचय को लेकर जागरूकता बढ़ाई है। लोग बैंकों में खाता खोलने के लिए बढ़ती संख्या में शामिल हो रहे हैं, जिससे वित्तीय समानता को सुदृढ़ किया गया है।


नोटबंदी के हानि:


आर्थिक संकट: 

नोटबंदी के दौरान, लोगों के पास नकदी की कमी होती है और इससे आर्थिक संकट पैदा होता है। उदाहरण के लिए, व्यापारियों को नकदी की कमी के कारण अपने व्यवसाय को चलाने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।

कृषि सेक्टर पर प्रभाव: 

नोटबंदी का सबसे बड़ा हानि कृषि सेक्टर को प्रभावित करता है। कृषि सेक्टर जहां अधिकांश लोग नकदी में व्यापार करते हैं, उन्हें नोटबंदी की वजह से अपने ग्रामीण और शहरी बाजारों में सामान खरीदने के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

अपराध  का बढ़ना: 

नोटबंदी के बाद, अपराध बढ़ते हैं। अवैध धन के संचार के लिए लोग और तंत्रों के माध्यम से अनुचित गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।

आय का घटाव: 

नोटबंदी से व्यक्तियों की आय में भी एक अस्थायी घटाव हो सकता है। यह आर्थिक निर्णयों और खर्चे की कमी के कारण होता है।

अर्थव्यवस्था की गति पर प्रभाव:
 नोटबंदी के परिणामस्वरूप, भारतीय अर्थव्यवस्था की गति पर अस्थिरता दिखाई गई है। इसके परिणामस्वरूप वित्तीय बाजारों, उत्पादन और रोजगार में सुस्ती का अनुभव हुआ है।




दैनिक जीवन के तंगी का अनुभव: 

नोटबंदी के समय, लोगों को नकदी की कमी के कारण दैनिक जीवन को नियंत्रित करना पड़ा, जैसे खरीदारी, बिल भुगतान, खाने-पीने की चीजें, आदि। यह व्यक्तिगत आर्थिक तंगी का कारण बन सकता है।




सारांश 

नोटबंदी एक विवादास्पद धारणा है जिसका प्रभाव व्यक्ति के नजरिए पर निर्भर करता है। यह वित्तीय संवेदनशीलता, भ्रष्टाचार की कमी और नकली नोटों के पर्दाफाश के माध्यम से सकारात्मक परिणाम भी ला सकता है, लेकिन यह भी आर्थिक संकट, कृषि सेक्टर पर प्रभाव, अपराध में वृद्धि और आय में घटाव जैसे नकारात्मक परिणामों को पैदा कर सकता है। सरकार को इस प्रक्रिया को समर्थन करने के लाभ और हानियों को मध्यस्थ समझकर संवेदनशील निर्णय लेना चाहिए ताकि इसके प्रभाव को कम किया जा सके।

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