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जानें क्या है खास ?भारत की नई संसद

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  नया संसद: आदर्श लोकतंत्र की शुरुआत भारतीय लोकतंत्र के महान दौर में एक महत्वपूर्ण पड़ाव आया है। हाल ही में हमारे देश में नई संसद की Inauguration आयोजित की गई है। यह नया संसद भारतीय जनता के लिए गर्व का स्थान है और उम्मीदों की किरणों से भरपूर है। यह अद्वितीय और विशेष अवसर रचने वाला महोत्सव आयोजित किया गया, जिसने एक नये युग के प्रारंभ की घोषणा की है। नई संसद भवन, जो कि दिल्ली के संयुक्त राज्य भवन क्षेत्र में स्थित है, एक आधुनिक और उच्चतम शिखर की उपस्थिति के साथ विशेष बनाया गया है। यह नया भवन Architectural excellence  का प्रतीक है और एक आकर्षण के रूप में मान्यता प्राप्त कर रहा है। नया संसद भवन न केवल सरकारी कार्यालय के रूप में काम करेगा, बल्कि यह एक राष्ट्रीय पहचान के रूप में भी महत्वपूर्ण रोल अदा करेगा । नई संसद की Inauguration  अत्यंत गरिमामय और धूमधाम से हुई। इस खास अवसर पर देश और विदेश में स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय नेताओं की मौजूदगी थी। इसके अलावा, विभिन्न धर्म, संस्कृति, जाति और भाषा के प्रतिनिधियों ने भी इस समारोह का हिस्सा बना। यह साबित करता है कि हमारा लोकतंत्र एकता और विविधता का

Science

1. विज्ञान क्या है ? सुसंगठित, सुव्यवस्थित, क्रमबद्ध ज्ञान को विज्ञान कहते हैं। विज्ञान की उत्पत्ति लैटिन शब्द Scientia से हुई है। जिसका अर्थ ज्ञान (Knowledge) होता है। किसी भी विषय में विशेष ज्ञान होना ही विज्ञान है।  "Science is a discovery of Truth."  Example- Discovery of gravity ( Newton)                   Discovery of bouyancy (आर्कमिडीज,‌‌‌‌‌‌‌) 2.विज्ञान की शाखाएं   विज्ञान एक ऐसा क्षेत्र है जिसने मानव समाज को अद्वितीय प्रगति के ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। विज्ञान का विस्तार व विकास इतना है कि आज इसे विभिन्न शाखाओं में विभाजित किया जा सकता है। इन विभिन्न शाखाओं ने अपने-अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और मानव समाज को विश्वस्तरीय उपलब्धियों दिलाई हैं। A.भौतिक विज्ञान :  यह शाखा द्रव्यमान, ऊर्जा, गतिविज्ञान और बिज्ञानिक अवधारणाओं की गहराई में जांच करती है। यह दैनिक जीवन के सामान्य घटकों जैसे बिजली, विद्युत मोटर, रेलगाड़ी आदि की कार्यप्रणाली का अध्ययन करती है। B.रसायन विज्ञान :   इस विज्ञान का अध्ययन रासायनिक पदार्थों और उनके गुणों के संबंध में होता है। यह दावा कर

घमंडी का बाग

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Story School से लौटकर सभी बच्चे घमंडी के बाग में खेलते थे। वह बाग नरम हरी भरी घास वाला और सुंदर था। पेड़ की टहनियों पर चिड़िया गाती तो बच्चे उन्हे सुनने के लिए खेलना बंद कर देते थे।"यहां हम कितने खुश हैं", वे एक दूसरे से कह ते । एक दिन घमंडी वापस आ गया। उसने अपने बाग में बच्चों को खेलते देखा।"तुम सब यहां क्या कर रहे हो?" वह चिल्लाया। सारे बच्चे वहां से बाग गए। यह मेरा बाग है और यह सिर्फ मेरे लिए है," घमंडी ने कहा। उसने बाग के चारो ओर एक चहारदीवारी बनाई। उसके बाहर एक बोर्ड टांग दिया -- बाग में आना सख्त मना है। अब बच्चो को खेलने के लिए कोई जगह नहीं बची। वसंत का मौसम आया। सभी जगह छोटे छोटे फूल खिलने लगे। नन्हीं चिड़ियां चहकने लगी परन्तु घमंडी के बाग में अभी भी जाड़ा ही था। वहां थी केवल बर्फ और ठंडी हवा। हवा ने कहा हमें ओलो को भी बुलाना चाहिए।" फिर क्या था , हर दिन तीन घंटे बड़े बड़े ओले बरसने लगे । घमंडी सोचता जल्दी ही मौसम बदलेगा, लेकिन न वसंत आया और न ही गर्मी। एक दिन घमंडी अपने पलंग पर लेटा था। उसे मधुर संगीत सुनाई दिया। एक छोटी सी चिड़िया उसकी खिड़की के ब

Happy Earth Day, 22Aprail 2021

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  Earth Day Special पृथ्वी दिवस  एक वार्षिक आयोजन है, जिसे 22 अप्रैल को दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्थन प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया जाता है। इसकी स्थापना अमेरिकी सीनेटर  जेराल्ड नेल्सन  ने 1970 में एक पर्यावरण  शिक्षा  के रूप की थी। अब इसे 192 से अधिक देशों में प्रति वर्ष मनाया जाता है। यह तारीख उत्तरी गोलार्द्ध में वसंत और दक्षिणी गोलार्द्ध में शरद का मौसम है।  संयुक्त राष्ट्र  में पृथ्वी दिवस को हर साल  मार्च एक्विनोक्स  (वर्ष का वह समय जब दिन और रात बराबर होते हैं) पर मनाया जाता है, यह अक्सर 20 मार्च होता है, यह एक परम्परा है जिसकी स्थापना शांति कार्यकर्ता  जॉन मक्कोनेल  के द्वारा की गयी। यह पृथ्वी का बडा ही मानक  दिवस है। Zerald Nelsons Importance पृथ्वी दिवस का महत्व इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि, इस दिन हमें  ग्लोबल वार्मिंग  के बारे में पर्यावरणविदों के माध्यम से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का पता चलता है। पृथ्वी दिवस जीवन संपदा को बचाने व  पर्यावरण  को ठीक रखने के बारे में जागरूक करता है। जनसंख्या वृद्धि ने प्राकृतिक संसाधनों पर अनावश्यक बोझ डाला है, संसाधनों

नवरात्र का वैज्ञानिक आधार

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Happy Navratri on (13Aprail to 21Aprail 2021) नवरात्र शब्द  से ' नव अहोरात्रों (विशेष रात्रियां) का बोध' होता है। इस समय शक्ति के नव रूपों की उपासना की जाती है क्योंकि 'रात्रि' शब्द सिद्धि का प्रतीक माना जाता है। भारत के प्राचीन ऋषि-मुनियों ने रात्रि को दिन की अपेक्षा अधिक  महत्व  दिया है। यही कारण है कि दीपावली, होलिका, शिवरात्रि और नवरात्र आदि उत्सवों को रात में ही मनाने की परंपरा है। यदि, रात्रि का कोई विशेष रहस्य न होता तो ऐसे उत्सवों को रात्रि न कह कर दिन ही कहा जाता। जैसे- नवदिन या शिवदिन। लेकिन हम ऐसा नहीं कहतेेl नवरात्र के वैज्ञानिक महत्व को समझने से पहले हम नवरात्र को समझ लेते हैं। मनीषियों ने वर्ष में दो बार नवरात्रों का विधान बनाया है- विक्रम संवत के पहले दिन अर्थात चैत्र मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा (पहली तिथि) से नौ दिन अर्थात नवमी तक। इसी प्रकार इसके ठीक छह मास पश्चात् आश्विन मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से महानवमी अर्थात विजयादशमी के एक दिन पूर्व तक नवरात्र मनाया जाता है। लेकिन, फिर भी सिद्धि और साधना की दृष्टि से शारदीय नवरात्रों को ज्यादा महत्वपूर्ण माना ग

Scientific Reason to Celebrate Holi

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होली सिर्फ एक त्योहार या परंपरा ही नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण से लेकर आपकी सेहत के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। होली मनाने का धार्मिक कारण तो आप जानते ही हैं, लेकिन क्या आप इसका वैज्ञानिक कारण भी जानते हैं? जानिए होली पर्व से जुड़े कुछ वैज्ञानिक तथ्य -      1.वैज्ञानिकों का कहना है कि हमें अपने पूर्वजों का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टि से बेहद उचित समय पर होली का त्योहार मनाने की शुरूआत की। लेकिन होली के त्योहार की मस्ती इतनी अधिक होती है कि लोग इसके वैज्ञानिक कारणों से अंजान रहते हैं। 2.होली का त्योहार साल में ऐसे समय पर आता है जब मौसम में बदलाव के कारण लोग उनींदे और आलसी से होते हैं। ठंडे मौसम के गर्म रुख अख्तियार करने के कारण शरीर का कुछ थकान और सुस्ती महसूस करना प्राकृतिक है। शरीर की इस सुस्ती को दूर भगाने के लिए ही लोग फाग के इस मौसम में न केवल जोर से गाते हैं बल्कि बोलते भी थोड़ा जोर से हैं। 3.इस मौसम में बजाया जाने वाला संगीत भी बेहद तेज होता है। ये सभी बातें मानवीय शरीर को नई ऊर्जा प्रदान करती हैं। इसके अतिरिक्त रंग और अबीर (शुद्ध रूप में) जब शरीर पर डाला जाता

HAPPY MAHASHIVRATRI ON 10/03/2021

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Maha shivratri 2021  महाशिवरात्रि भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा दिन है. इस दिन भोलेनाथ के उपासक उनकी पूजा-अर्चना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति कर सकते हैं. हालांकि, ये शिव पर्व इस साल और भी ज्यादा खास होने जा रहा है. ज्योतिषविदों के मुताबिक आज महाशिवरात्रि के दिन 101 साल बाद एक विशेष संयोग बनने जा रहा है. ज्योतिषियों का कहना है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवयोग, सिद्धियोग और घनिष्ठा नक्षत्र का संयोग आने से त्योहार का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है. इन शुभ संयोगों के बीच महाशिवरात्रि पर पूजा बेहद कल्याणकारी मानी जा रही है. फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. 11 मार्च गुरुवार को त्रयोदशी और चतुर्दशी मिल रही हैं. इस दिन शिव योग, सिद्धि योग और घनिष्ठ नक्षत्र का संयोग बन रहा है. महाशिवरात्रि पर ऐसी घटना 101 साल बाद होने जा रही है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह इसी दिन हुआ था. भोलेनाथ के विवाह में देवी-देवताओं समेत दानव, किन्नर, गंधर्व, भूत, पिशाच भी शामिल हुए थे. महाशिवरात्रि पर शिवलिं